कोरोना वायरस के कारण दूसरे साल शिक्षा विभाग का फैसला
8वीं तक के सभी 1.5 करोड़ बच्चे बिना परीक्षा के ही प्रमोट किए जाएंगे अगली क्लास में
सभी के सभी जो बच्चे हैं कक्षा 1 से 8 तक के क्लास के डेढ़ करोड़ बच्चे हैंl
से अधिक बच्चे इस साल भी बिना परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में प्रमोट हो जाएंगे।
2020-21 सत्र में कक्षा 5 और 8 के लिए होने वाली वार्षिक परीक्षा नहीं ली जाएगी। कोरोना के कारण शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। मंगलवार को शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज ने संकल्प जारी कर दिया। पिछले साल भी कोरोना के कारण ही बिना परीक्षा बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया था। कक्षा 1 से 4 तक और कक्षा 6 व 7 के बच्चों के लिए वार्षिक परीक्षा लिए बिना ही अगली कक्षा में प्रमोट करने का पहले से ही प्रावधान है। सिर्फ कक्षा 5 और कक्षा 8 के बच्चों के लिए अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए वार्षिक परीक्षा ली जाती थी। कक्षा एक से 4 और 6 व 7 तक में सत्र में मूल्यांकन किया जाता है और वर्ग प्रोत्रति के लिए वार्षिक परीक्षा में उत्तीर्णता की अनिवार्यता नहीं है।
शिक्षा विभाग ने समीक्षा के बाद शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधित ) नियमावली 2019 के नियम 10 के को शिथिल करने की स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया।
तैयारी पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए अप्रैल से तीन माह का जिस तरह से क्रैश कोर्स कैप्सूल कोर्स चलता है उसी की तर्ज पर कैच-अप कोर्स चलेगाl
शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट की वजह से लम्बे समय तक स्कूल बंदी और बच्चों के कॅरियर को देखते हुए यह फैसला लिया है। विभाग की तैयारी है कि पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अप्रैल से तीन माह तक कैच-अप कोर्स आयोजित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न जिलों के 300 मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं। विभिन्न जिलों के ये ट्रेंड शिक्षक जिलों के अन्य शिक्षकों को कैंच अप कोर्स के लिए प्रशिक्षित करेंगे। इन कक्षाओं में स्टूडेंट्स को बेसिक व जरूरी टॉपिक्स पढ़ाए जाएंगे ताकि अगली कक्षा में कोई दिक्कत न आए।
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